एक बार की बात है, एक छोटे से गाँव में एक गरीब परिवार रहता था। उनके पास बहुत ही कम धन था, लेकिन उनकी सोच बहुत ही उज्ज्वल थी।
गाँव में एक सुंदर झील थी, जिसके किनारे पर एक पुरानी मंदिर भी था। वहाँ का जीवन बहुत ही साधारण था।
एक दिन, गाँव में भारी बारिश हुई और झील का पानी ऊपर आ गया। सभी लोग डर के मारे अपने घरों में चले गए, लेकिन यह गरीब परिवार अपने घर को छोड़कर मंदिर की ओर बढ़े।
मंदिर में वे धीरे-धीरे पानी के बढ़ते लहरों से घबराए जा रहे थे, लेकिन उनके मन में निरंतर एक आशा का ज्योत जल रहा था। वे भगवान से प्रार्थना करने लगे कि वह उनकी मदद करें और उन्हें सुरक्षित रखें।
अचानक, एक वृद्ध महात्मा आया और उन्हें बताया कि कृपया उनके साथ चलें, क्योंकि वह एक उच्च स्थान की ओर जा रहे हैं जो सुरक्षित होगा।
उनके साथ चलते हुए, वे उच्च स्थान पर पहुंचे और बच गए। धीरे-धीरे बारिश रुकी और सभी वापस अपने घरों की ओर लौट आए।
इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि समस्याओं का सामना करते समय हमें हार नहीं माननी चाहिए, बल्कि हमें सकारात्मक सोच और परिश्रम के साथ काम करना चाहिए। भगवान की प्रार्थना से हमें सहायता मिल सकती है और अचानक हमारे लिए अच्छे दिन आ सकते हैं।
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